विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर द्वारा विकसित किया गया थर्ड जनरेशन का लांचिंग राकेट है। यह चार चरणों वाला तरल ईंधन आधारित भारत का पहला राकेट है। जिसमें पहले और तीसरे चरण में ठोस प्रणोदक (ईंधन)  ( HTPB) का प्रयोग किया गया है। जबकि सेकंड और फोर चरण में तरल ईंधन (MMH) (UDMH) का प्रयोग किया गया है। अपनी श्रृंखला में दुनिया का सबसे महानतम राकेट हैं। यह दुनिया में सबसे लो कास्ट मिशन के लिए जाना जाता है इसे शुरुआत में पोलर आर्बिट में उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए बनाया गया था लेकिन यहां सभी प्रकार के आर्बिट में उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता रखता है।

    

    उदाहरण-।      भूस्थिर आर्बिट में GSAT-12  ,. लूनर आर्बिट में चंद्रयान फर्स्ट।  , मार्स आर्बिट में मंगलयान फर्स्ट, विनस आर्बिट में शुक्रयान  फर्स्ट।    पीको सेटेलाइट, नैनो सेटेलाइट, माइक्रो सैटलाइट, मिनी सैटलाइट , स्माल सैटलाइट  को लांच करने में विश्व बाजार में कोई भी राकेट इसकी बराबरी करने में सक्षम नहीं है।   यह सबसे सस्ते में सेटेलाइट को लांच कर रहा है।